लाल बहादुर शास्त्री के जीवन से जुड़े रोचक और प्रेरक किस्से
Lal Bahadur Shastri Moral Stories in Hindi | Kahani | Kisse | Prerak Prasang |देश के दूसरे पीएम लाल बहादुर शास्त्री का जन्म रामनगर में मुंशी शारदा प्रसाद के यहां 2 अक्टूबर, को हुआ था। बता दें कि जब में देश भुखमरी की समस्या से गुजर रहा था, तब उस समय शास्त्री जी ने सैलरी लेना बंद कर दिया था। इसी दौरान अपने घर काम करने आने वाली बाई को भी काम पर आने से मना कर दिया था और घर का काम खुद करने लगे थे। उन्हें सादगी पसंद थी, इस कारण वे फटे कुर्ते को भी कोट के नीचे पहन लिया करते थे। आइए जानते है लाल बहादुर शास्त्री के जीवन से जुड़े कुछ रोचक और प्रेरक किस्से..
थर्ड क्लास में लगवाए थे पंखे
लाल बहादुर शास्त्री प्रधानमंत्री बनने से पहले विदेश मंत्री, गृह मंत्री और रेल मंत्री जैसे अहम पदों पर थे।
एक बार वे रेल की एसी बोगी में सफर कर रहे थे। इस दौरान वे यात्रियों की समस्या जानने के लिए थर्ड क्लास (जनरल बोगी) में चले गए। इसके बाद उन्होंने वहां की दिक्कतों को देखा और अपने PA पर नाराज भी हुए। फिर उन्होंने थर्ड क्लास में सफर करने वाले पैसेंजर्स को फैसिलिटी देने का फैसला करते हुए जनरल बोगियों में पहली बार पंखा लगवाया और साथ ही पैंट्री की सुविधा भी शुरू करवाई।
बचपन में तैरकर जाते थे स्कूल
शास्त्री जी बचपन में काफी शरारती हुआ करते
biography of Lal Bahadur Shastri in hindi: आज हमारे देश के पूर्वप्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि है, 11 जनवरी को तब के सोवियत यूनियन के ताशकंद में उनकी, संदेहास्पद स्तिथि में तब मृत्यु हो गई थी। जब वह सोवियत यूनियन के प्रीमियर एलेक्सी कोसिगिन के बुलावे पर ताशकंद गए थे, जहाँ पकिस्तान के मार्शल जनरल अयूब खान के साथ संधि होनी थी। भारत और पाकिस्तान के मध्य में एक युद्ध हुआ था, भारत निःसंदेह इस युद्ध का विजेता था, लेकिन वैश्विक कूटनीति और दबाव की वजह से शास्त्री जी को संधि और समझौते का फैसला करना पड़ा था।
27 मई में प्रधानमंत्री नेहरू के निधन के बाद शास्त्री जी प्रधानमंत्री बने, देश विकट आंतरिक और बाह्य समस्याओं से जूझ रहा था। प्रधानमंत्री शास्त्री के पास बड़ी चुनौतियाँ थीं। विश्व राजनैतिक समुदाय में भी नेहरू का आभामंडल कुछ यूँ था, कि विश्वसमुदाय उससे निकलना भी नहीं चाहता था, ऊपर से शास्त्री जी का 5 फुट 2 इंच का कद, जिसके वजह से उनका कई बार उनका मखौल भी उड़ाया जाता था।
पाकिस्तान में मार्शल लगाने वाले राष्ट्रपति अयूब खान पंडित नेहरू के निधन के बाद भारत आना चाहते थे, लेकिन उन्होंने यह कहके अपनी यात्रा रद्द कर दी थी, अब नेहरू तो हैं नहीं वह बात किससे करेंगे, शास्त्री जी ने कहा था आप मत आइये हम आ जाएंगे, बाद में मिस्र की राजधानी काहिरा में हुए गुटनिरपेक्ष सम्मलेन से लौटते हु
फ्रेंड्स, इस पोस्ट में हम भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व. लाल बहादुर शास्त्री के प्रेरक प्रसंग (Lal Bahadur Shastri Ke Prerak Prasang) शेयर कर रहे हैं। यहाँ पढ़ें लाल बहादुर शास्त्री के जीवन की घटनायें, लाल बाहदुर शास्त्री से जुड़े किस्से, लाल बाहदुर शास्त्री की कहानियाँ.
Lal Bahadur Shastri Ke Prerak Prasang
Lal Bahadur Shastri Ke Prerak Prasang
कर्त्तव्य-पालन स्व. लाल बहादुर शास्त्री का प्रेरक प्रसंग
बात उन दिनों की है, जब लाल बहादुर शास्त्री रेल मंत्री थे. रेल मंत्री होकर भी उनका रहन-सहन बिल्कुल साधारण था. वे स्वयं नियमों का सख्ती से पालन करते थे और दूसरों से भी भी यही अपेक्षा रखते थे.
एक बार उन्हें बनारस से ट्रेन पकड़नी थी. लेकिन, लाख कोशिशों के बाद भी वे समय पर स्टेशन पर नहीं पहुँच सके. ट्रेन के जाने का सिग्नल हो चुका था. लेकिन जैसे ही गार्ड को पता चला कि मंत्री महोदय स्टेशन पहुँचने ही वाले है, उसने हरी झंडी नीची कर दी और शास्त्री जी का इंतजार करने लगा.
उधर सभी यात्री परेशान थे कि सिग्नल होने के बावजूद भी ट्रेन चल क्यों नहीं रही है? थोड़ी देर में शास्त्री जी स्टेशन पहुँच गए और अपने कोच की ओर बढ़ने लगे. उन्हें देख वह गार्ड भागा-भागा उनके पास पहुँचा और बोला, “सर, जैसे ही मैंने सुना कि आप आ रहे है, मैंने ट्रेन चलने नहीं दी.”
यह सुनकर शास्त्री जी ने गार्ड की दृष्टि
सादगी और ईमानदारी के प्रतीक लाल बहादुर शास्त्री का जीवन परिचय
Lal Bahadur Shastri Biography Essay in Hindi
लाल बहादुर शास्त्री जीवन परिचय
ईमानदारी एक ऐसा मानवीय गुण है बड़े से बड़े विप्पति का सामना भी बड़े धैर्य से कर लेता है जो व्यक्ति सत्य और ईमानदारी की राह चलता है उसे कोई डिगा नही सकता है इसी ईमानदारी और सत्य की राह पर चलने वाले महापुरुषों में हमारे देश के दुसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री | Lal Bahadur Shastri का नाम प्रमुखता से लिया जाता है जिनका पूरा जीवन ही ईमानदारी और सादगी की मिशाल पेश करता है और इसी ईमानदार छवि के चलते इन्हें भारत का दूसरा प्रधानमंत्री (Prime Minister) बनाया गया था इसी महापुरुष के मुख से निकला ओजस्वी नारा “जय जवान जय किसान” पूरे देश को एकता के सूत्र में बाध दिया था और जिनके दृढ संकल्प के चलते विदेशी ताकते भी झुकने को मजबूर हो गयी थी.
लाल बहादुर शास्त्री का जीवन परिचय
Lal Bahadur Shastri Life Essay in Hindi
Lal Bahadur Shastri Ka Jivan Parichay लाल बहादुर शास्त्री का जन्म 2 October को हमारे देश भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के मुग़ल सराय जिले के रामनगर में में हुआ था इनके पिता का नाम मुंशी शारदा प्रसाद श्रीवास्तव (Munshi Sharda Prasad Shrivastva) और माता का नाम रामदुलारी देवी था इनके पिता प्राथमिक विद्यालय में अध्यापक थे जिसके कारण सब लोग
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